Some times I feel so so cold that no fire ever can warm me. Through my Poem I try to express them. My poetry might make you laugh or cry or yawn. Whatever it is kindly leave your feedback and comments.
Tuesday, 10 April 2012
लज्जा
चेहरे पे हया की लाली,
नयनों में सजी काजल है काली , होंठ है जैसे सहेद की प्याली, फूलों के गजरे से जुल्फे संवारी, गहने से सजकर लगती और भी प्यारी, श्रींगार कर लगती और भी न्यारी, यही है इनका लाज, यही इनकी लज्जा, यही है दुनिया की खूबसूरती, यही है नारी.....
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